हेल्पलाइन नंबर से आधार का डेटा चोरी नहीं हो सकता, यूजर्स को घबराने की जरूरत नहीं: अथॉरिटी
यूआईडीएआई ने रविवार को ट्वीट जारी कर अफवाहें न फैलाने की अपील की
शुक्रवार को स्मार्टफोन्स की फोन बुक में दिखने लगा था आधार का हेल्पलाइन नंबर
आधार अथॉरिटी ने कहा- आधार का डेटा चोरी होने की अटकलें झूठीं
नई दिल्ली. यूनिक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) ने रविवार को यूजर्स को भरोसा दिलाया कि उनके स्मार्टफोन्स की फोन बुक में आधार का हेल्पलाइन नंबर सेव होने के बाद भी उनके डेटा की चोरी नहीं हो सकती। शुक्रवार सुबह कई मोबाइल यूजर्स की फोन बुक में अथॉरिटी का टोल फ्री नंबर नजर आने लगा था। इस पर अथॉरिटी ने कहा कि यह नंबर (1800-300-1947) गलत और आउटडेटेड है। इसके बाद अफवाह उड़ने लगी कि यह नंबर सेव होने से आधार का डाटा चोरी हो जाएगा। इसके बाद अथॉरिटी ने ट्वीट कर यूजर्स की आशंकाओं को दूर किया।
यूआईडीएआई ने कहा कि फोन यूजर्स को तनाव में आने की जरूरत नहीं है। यह साफ है कि पुराना नंबर सेव होने से किसी तरह का नुकसान नहीं होगा। वे अपना पुराना हेल्पलाइन नंबर डिलीट कर दें। अगर उनकी इच्छा हो तो वे नया हेल्पलाइन नंबर सेव कर लें, जो 1947 है।
अफवाहों से बचें : यूआईडीएआई ने कहा, "आधार की जानकारी चोरी होने की अफवाहें निराधार और झूठी हैं। ऐसी अफवाहों को तुरंत खारिज कर देना चाहिए। लोगों को ट्विटर, फेसबुक और वॉट्सऐप पर ऐसी अफवाहें फॉरवर्ड करने में अपना वक्त बर्बाद नहीं करना चाहिए। इनसे बचना चाहिए। गूगल ने पहले ही साफ कर दिया कि गलती से यह नंबर ऐड हो गया था। यह एंड्रायड आॅपरेटिंग सिस्टम के जरिए आया था। गूगल ने इस पर माफी भी मांगी थी।"
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