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UP मे नाबालिक लडकी के साथ गेंगरेप और इनसाफ के बदले उसके पीता की मोत । rape case up | bjp vidhayak | cm yogi yadityanath

UP मे नाबालिक लडकी के साथ गेंगरेप और इनसाफ के बदले उसके पीता की मोत ।

               
Rapecase in up
        मामला उतरप्रदेश का हे आरोपी विधायक हे ईसीलिए ऊसको ईनसाफ नही मिला । ईनसाफ नही मीला तो लडकी सीऐम योगी आदितयनाथ से मिली ईनसाफ के लिए लेकिन इनसाफ के बदले मे मीला कया । पोलीस झुठा आरोप लगाया उसके पीता पर और जेल बंल कर दिया और जेल मे बेरेहमी से पिटा और पिटने से उसकी मोत हो गइ । पुरा मामला देखिए ।             ।  वीडीयो देखने लिए कलिक करे ।
          किसी नाबालिग बच्ची से बलात्कार फिर उसके द्वारा विधायक निवास मे गैंगरेप का आरोप लगाने पर उसके पिता को पुलिस ने इतना मारा कि उसकी मौत हो गयी . पुलिस ने सादे कागजों पर पिटाई से बेहोश पिता के  अंगूठे के निशान बहुत से कागजों पर लिये ।। कुछ प्रश्न उठते हैं ।।
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1- क्या यूपीकोका केवल खास कुछ लोगों के दमन के लिए बनाया गया है ।
2- अगर नही तो नाबालिग लङकी ने जब बयान दिया कि उसके साथ विधायक निवास पर विधायक,  उसके भाई व अन्य ने गैंगरेप किया तो । पासको लगा कर गिरफ्तारी क्यों नही की गयी ।
3- किसी सामान्य व्यक्ति ने यह अपराध किया होता तो भी क्या पुलिस यही रवैया अपनाती ।
4- पीडिता का पिता जो कि दिल्ली मे काम करता था वह जब इस घटना पर घर आया तो उसके ऊपर समझौते का दबाव डाला गया मारपीट की गई, फिर भी न माना तो पुलिस मे उसके खिलाफ झूठी रिपोर्ट लिखा कर बंद कराया गया और बुरी तरह मार मार कर अधमरा करके जबर्दस्ती उसके अंगूठे के निशान कई खाली कागजों पर लगवाए ।।
5- न्यायिक हिरासत मे पिता की पिटाई के कारण मौत हो गई ।
6- मां ने विधान सभा के सामने आत्म दाह करने की कोशिश की क्योकि, उसकी बेटी के साथ बलात्कार किया गया और उसके पति व देवर को झूठे मुकदमे मे बंद कर भयंकर मारा गया और उनकी कोई सुनवाई नही  ।
             क्या यही कानून का राज्य है । क्या हम फिर से राजशाही मे जी रहे हैं, क्या लोकतंत्र केवल दिखावा बन कर रह गया है । क्या हम गुंडों को लोकसभा और विधानसभाओ मे भेज रहे हैं, क्या राजनैतिक पार्टियों के लिए आम आदमी की कोई कीमत नही रह गई । क्या वी आइ पी कल्चर आम आदमी के अधिकारों के लिए काल के समान हैं
     किसी राजनीतिक दल के फेवर की बात नही कर रहा पर क्या हम सब को सोचने की जरूरत नही  ?
      इसी प्रकार की घटना सपा व बसपा सरकारों के शासन के दौरान भी हुई हैं, अतः राजनैतिक चश्मे से न देखें बल्कि एक  बेटी के पिता की तरह एक आम नागरिक की तरह सोचें ।
      आपसे हाथ जोडकर विनती हें कि ईस आटिकल को आगे जरुर भेजे ।
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