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सात गोलियां खाने के बाद ये CRPF जवान पॉलीथिन में आंते लपेटकर घूमने को मजबूर है । CRPF soldier manoj of Madhya pradesh injured in a Naxal attack roaming helpless for better-treatment

सात गोलियां खाने के बाद ये CRPF जवान पॉलीथिन में आंते लपेटकर घूमने को मजबूर है

        मुरैना के रहने वाले सीआरपीएफ जवान मनोज परेशान घूम रहे हैं.
                 Crpf constebal
        चेतन चीता नाम का शख्सहै जिसको 9 गोलियां भी कुछ बिगाड़ ना सकीं. 14 फरवरी 2017 को उनकी जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से मुठभेड़ हुई थी. वो डेढ़ महीने कोमा में रहे. मगर अब सीआरपीएफ कमांडेंट चेतन एकदम ठीक होकर वापस मोर्चे पर लौट गए हैं. उनके ड्यूटी पर वापस लौटने के पीछे एक बड़ी वजह उनका अच्छा इलाज भी रहा. मगर हर जवान की नियति चेतन चीता जैसी नहीं होती है. बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के तरसमा गांव निवासी सीआरपीएफ जवान मनोज तोमर की. मनोज सही इलाज ना मिलने के कारण मौत से भी बुरी जिंदगी जी रहे हैं.
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       मनोज मार्च 2014 में छत्तीसगढ़ की झीरम घाटी में नक्सली मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल हो गए थे. चेतन चीता की तरह ही उनके भी सात गोलियां लगीं थीं. इलाज हुआ. मनोज की जान भी बच गई, लेकिन उन्हें एक ऐसा दर्द मिल गया जो डरावना है. मनोज की आंतें उनके पेट के बाहर निकली रहती हैं, जिसे वो पॉलीथिन में लपेटकर जीवन बिताने को मजबूर हैं. ऐसा नहीं है कि इसका इलाज नहीं हो सकता है. इसका इलाज संभव है, लेकिन मनोज के पास उतने पैसे नहीं हैं.
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