Amazon Best Discount Deals

Punjab kishan karja maf | पंजाब में एक लाख किसानों का 1771 करोड़ रु. का कर्ज किया माफ, अमरिंदर ने वादा किया- कल तक खाते में आ जाएंगे पैसे

पंजाब में एक लाख किसानों का 1771 करोड़ रु. का कर्ज किया माफ, अमरिंदर ने वादा किया- कल तक खाते में आ जाएंगे पैसे
                         
Punjab Goverment farmers loun

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि कर्जमाफी का फायदा एक लाख से ज्यादा किसानों को होगामुख्यमंत्री ने किसानों से खेती की मॉडर्न तकनीक अपनाने और पानी बचाने की अपील की

पटियाला. पंजाब में कांग्रेस सरकार ने किसानों का 1771 करोड़ का कर्ज माफ करने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि इससे करीब 1.09 लाख किसानों को फायदा होगा। उन्होंने शुक्रवार को हितग्राहियों को चेक बांटने के दौरान वादा किया कि कर्जमाफी का पैसा शनिवार तक किसानों के खाते में आ जाएगा। और लगभग 15 मिनिट के बाद किसानों के खाते में पैसा आना चालु हो गए ।



इजरायल दौरे की दी मिसाल

मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील की है कि वे कीटनाशकों का इस्तेमाल कम से कम करें। जल संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी है। जल्द ही सरकार इस बारे में एक योजना का ऐलान करेगी। उन्होंने अपने इजरायल दौरा का जिक्र करते हुए कहा- वहां भी हमारी तरह ही पानी की किल्लत है, लेकिन बावजूद इसके वहां के लोग खेती में अव्वल हैं। हमें इससे सीख लेनी चाहिए और खेती के मॉडर्न तरीके अपनाने चाहिए।



पंजाब में आत्महत्याओं के आंकड़ों पर हुए तीन सर्वे

पंजाब में किसानों के द्वारा आत्महत्या करने के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब के सरकारी आंकड़े बताते हैं कि सन 2000 से 2010 के बीच लगभग 6,926 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। राज्य सरकार ने तीन सर्वे कराए।



पहला सर्वे: इसमें उन तीन जिलों (संगरूर, मनसा, बठिंडा) को शामिल किया गया, जहां से किसानों की खुदकुशी की सबसे ज्यादा खबरें आ रही थीं। चला कि सन 2000 से 2008 के बीच 1,757 किसानों ने अपनी जान दी।

दूसरा सर्वे: इसमें मोगा, लुधियाना और बरनाला को भी शामिल किया गया। यहां सन 2000 से 2010 के बीच 6,000 किसानों ने खुदकुशी की।

तीसरा सर्वे: इसमें संगरूर, मनसा, बठिंडा, मोगा, लुधियाना और बरनाला समेत पंजाब के 22 में से 19 जिलों को शामिल किया गया। 2011 से अप्रैल 2014 के आंकड़ों के अध्ययन पर पता चला कि करीब 7,000 किसानों ने आत्महत्या की।



किसान संगठनों का दावा 40 हजार से ज्यादा केस

किसान संगठनों का दावा है कि आत्महत्या के वास्तविक आंकड़े सर्वे के आंकड़ों से कहीं ज्यादा हैं। भारतीय किसान यूनियन एकता के महासचिव सुखदेवी सिंह कोरी कलां ने कहा, ‘हमारे नमूना-सर्वेक्षण के मुताबिक, यह संख्या 40 हजार से 50 हजार के बीच है।"
Previous
Next Post »

Thank you for comment ConversionConversion EmoticonEmoticon